मैं एक सदी से बैठी हूँ - The Indic Lyrics Database

मैं एक सदी से बैठी हूँ

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - लेकिन | वर्ष - 1990

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मैं एक सदी से बैठी हूँ
इस राह से कोई गुज़रा नहीं
कुछ चाँद के रथ तो गुज़रे थे
पर चाँद से कोई उतरा नहीं
दिन रात के दोनों पहिए भी
कुछ धूल उड़ाकर बीत गए
मैं मन आँगन में बैठी रही
चौखट से कोई गुज़रा नहीं
आकाश बड़ा बूढ़ा बाबा
सब को कुछ बाँट के जाता है
आँखों को निचोड़ा मैने बहोत
पर कोई आँसू उतरा नहीं