ठंडी हवा, काली घटा, आ ही गयी झूम के - The Indic Lyrics Database

ठंडी हवा, काली घटा, आ ही गयी झूम के

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - मिस्टर एंड मिसेस ५५ | वर्ष - 1955

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ठंडी हवा, काली घटा, आ ही गयी झूम के
प्यार लिये डोले हँसी, नाचे जिया घूम के
बैठी थी चुपचाप यूँ ही दिल की कली चुन के मैं
दिल ने ये क्या बात कही, रह ना सकी सुन के मैं
मैं जो चली दिल ने कहा और ज़रा झूम के
प्यार लिये डोले हँसी, नाचे जिया घूम के
आज तो मैं अपनी छबी देख के शरमा गयी
जाने ये क्या सोच रही थी की हँसी आ गयी
लौट गयी जुल्फ मेरी होंठ मेरा चूम के
प्यार लिये डोले हँसी, नाचे जिया घूम के
दिल का हर इक तार हिला, छिड़ने लगी रागिनी
कजरा भरे नैन लिये, बन के चलू कामिनी
कह दो कोई आज घटा बरसे ज़रा धूम से
प्यार लिये डोले हँसी, नाचे जिया घूम के