होंठ गुलाबी गल कटोरे हाय मैं सदकें जावां - The Indic Lyrics Database

होंठ गुलाबी गल कटोरे हाय मैं सदकें जावां

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - घर संसार | वर्ष - 1958

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र : ( होंठ गुलाबी गाल कटोरे नैना सुरमेदार
हाय मैं सदके जावाँ ) -२
आ : ( प्यार के दुबले हाल के पतले मजनूँ की संतान
हाय मैं सदके जावाँ ) -२र : देखे ज़माने भर के हसीं लेकिन तेरी बात है और
आ : आहिक़ तो देखे हैं कई लेकिन तेरी जात है और
र : नाम न जानूँ गाँव न जानूँ फिर भी लिया पहचान
आ : हाय मैं सदके जावाँ ) -२र :प्यार में तेरे जलता है दिल आती रहना मेरी गली
आ : जलता है दिल छोड़ दे आँचल मैं तो चली
र : घर नहीं जाऊँ उड़ नहीं जाऊँ कहना मेरा मान
आ : हाय मैं सदके जावाँ ) -२र : तेरे लिए ओ जान-ए-जिगर जेल भी है मंज़ूर मुझे
आ : ले के चल थाने में मुझे ऐसा न कर मजबूर मुझे
बोले है लड़ के डोले अकड़ के चिड़िया जैसी जान
हाय मैं सदके जावाँ ) -२