तू किसी के दिल का दर्द - The Indic Lyrics Database

तू किसी के दिल का दर्द

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - घर घर में दिवाली | वर्ष - 1955

View in Roman

तू किसी के दिल का दर्द मिटा
किसी का बुझता दीप जला
हो तेरे घर दीवाली (सुन ले बात निराली)
चमक रहे हैं सदियों से ये (सूरज चाँद सितारे)
निस बाँटे दुनिया को फिर भी (कम न हो उजियारे)
हो, दुखियों की पीड़ा हर ले निर्धन की झोली भर दे
हो जेब न तेरी ख़ाली (सुन ले बात निराली)
सुर से सुर मिलते ही गूँजे (गीत मधुर मतवाले)
और इन गीतों में खो जाएँ (दुनिया के दुख सारे)
हो, मन से मन को मिलाता जा दीप से दीप जलाता जा
हो घर घर में दीवाली (सुन ले बात निराली) $