वही चंदानी है वाही आसमान हैं - The Indic Lyrics Database

वही चंदानी है वाही आसमान हैं

गीतकार - पं. फणी | गायक - तलत महमूद | संगीत - के दत्ता | फ़िल्म - रिश्ता | वर्ष - 1954

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वही चाँदनी है वही आसमाँ है
बहारें वही और वही गुल्सिताँ है
मगर जिस से रोशन ये दिल का जहाँ है
छुपा चाँद मेरा वो जा कर कहाँ है
वही चाँदनी है ...वही दिल वही मैं मुहब्बत भी वो ही
निगाहों में अब तक है सूरत भी वो ही
मगर न वो महफ़िल न वो दास्ताँ है
न वो दास्ताँ है
वही चाँदनी है ...महकती हैं कलियाँ तो चुभते हैं काँटे
सिसकते हैं गुंचे तो लगते हैं ....
मगर देखता कौन ये महरबाँ है
ये महरबाँ है
वही चाँदनी है ...