ओ कृश्न कन्हाई - The Indic Lyrics Database

ओ कृश्न कन्हाई

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - सुरैया | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - विद्या | वर्ष - 1948

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ओ प्रीतम प्यारे

ओ प्रीतम प्यारे

छोड़ चली घरबार

तुझसे दूर तुझसे दूर

भर आये नैना

नैननैन का प्यार

जब से दूर जब से दूर

क्यूँ आफ़त सर पे मोल ले

तू मेरे वास्ते

तू अपने महल में राज कर

मैं अपने रास्ते

तुझ को सुख हो तो

मुझको पिया परदेस भी

मन्ज़ूर है मन्ज़ूर

करती थी तुझको प्यार मैं

बदनामी ले चली

चोरीचोरी का खेल था

जुरमाना दे चली

इक दिल था मेरा

वो भी ठोकरें खा के

चकनाचूर चकनाचूर

फागुन में होली खेलना

सावन में झूलना

जबजब चमकेगा चाँद तू

मुझको ना भूलना

मेरे टूटे मन में

अभी तुम्हारा प्यार

है भरपूर है भरपूर

ओ प्रीतम प्यारे

छोड़ चली घरबार

तुझसे दूर तुझसे दूर