ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना - The Indic Lyrics Database

ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - आरजू | वर्ष - 1960

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ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना ( बस इतनी शिकायत है )-२
समझा हमें बेगाना ( बस इतनी शिकायत है )-२
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना ...

हर राह पर टकराए हर मोड़ पर घबराए-२
मुँह फेर लिया तुमने हम जब भी नज़र आए-२
हो हमको नहीं पहचाना ( बस इतनी शिकायत है )-२
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना ...

हो जाते हो बरहम भी बन जाते हो हमदम भी
ऐ साक़ी-ए-मैख़ाना शोला भी हो शबनम भी-२
हो खाली मेरा पैमाना ( बस इतनी शिकायत है )-२
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना ...

हर रंग क़यामत है हर ढंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना ये हुस्न की आदत है-२
हाय आता नहीं बहलाना ( बस इतनी शिकायत है )-२
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना ...