ओ जानेवाले चाँद, ज़रा मुस्कुराके जा - The Indic Lyrics Database

ओ जानेवाले चाँद, ज़रा मुस्कुराके जा

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - रफी | संगीत - NA | फ़िल्म - बाजार | वर्ष - 1949

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ओ प्राणी क्या सोचे क्या होए

ओ प्राणी क्या सोचे क्या होए

भाग्य के हैं खेल निराले पल जागे पल सोए

ओ प्राणी क्या सोचे

किन चाहों से बाग़ लगाए

आशाओं के दीप जलाए

हँसने के सामान बनाए

पास खड़ा फिर रोए

क्या सोचे क्या होए

ओ प्राणी क्या सोचे

माटी का इक दीया जले आँधी बढ़ती जाए

छलनी सी ओढ़नी कब तक इसे बचाए

जो होए सो होए तेरी पेश न जाने कोए

क्या सोचे क्या होए

ओ प्राणी क्या सोचे