बन के सुहागन रही अभागन-- आधी रात - The Indic Lyrics Database

बन के सुहागन रही अभागन-- आधी रात

गीतकार - सरशर सैलानी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - आधी रात | वर्ष - 1950

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बन के सुहागन, रही अभागन
फूट गई तक़दीर मेरी
फूटी हुई तक़दीर के आगे
चल न सकी तदबीर मेरीदिल में आग आँखों में पानी
हाय मेरी बरबाद जवानी
किसको सुनाऊँ ग़म की कहानी
कौन बँधाए धीर मेरीख़ून के आँसू पीती हूँ मैं
मौत की आस पे जीती हूँ मैं
इसके सिवा ऐ दुनिया वालो
कोई नहीं तक़दीर मेरी