खींचें मुझे कोई डोर तेरी ओर - The Indic Lyrics Database

खींचें मुझे कोई डोर तेरी ओर

गीतकार - मयूर पुरी | गायक - राहत फ़तेह अली खान - श्रेया घोषाल | संगीत - प्रितम | फ़िल्म - सिंग इज किंग | वर्ष - 2008

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दिल खो गया, हो गया किसी का
अब रास्ता मिल गया ख़ुशी का
आँखों में है ख्वाब सा किसीका
अब रास्ता मिल गया ख़ुशी का
रिश्ता नया रब्बा, दिल छू रहा है
खींचें मुझे कोई डोर तेरी ओर
खुलती फिजायें घुलती घटायें, सर पे नया है आसमां
चारो दिशायें हँस के बुलायें, क्यों सब हुये है मेहेरबां
हमें तो यही रब्बा कसम से पता हैं
दिल पे नहीं कोई ज़ोर, कोई ज़ोर
एक हीर थी और था एक रांझा, कहते हैं मेरे गाँव में
सच्चा हो दिल तो सौ मुश्किलें हो, झुकता नसीबा पाँव में
आँचल तेरा रब्बा फलक बन गया है
अब इसका नहीं कोई और कोई छोर