उने कुछ इस तराह प्यार आने लगा - The Indic Lyrics Database

उने कुछ इस तराह प्यार आने लगा

गीतकार - के एम आरिफ | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - गुलाम अली (गैर फिल्म) | वर्ष - 1987

View in Roman सू-ए-ज़मज़म बादाख़ार आने लगा
'>

उनपे कुछ इस तरह प्यार आने लगा
बेक़रारी को क़रार आने लगाइस कदर बख़्शे मुझे ग़म आपने
मेरी ख़ुशियों पर निखार आने लगाज़िक्र था मेरे फ़साने का मगर
नाम उनका बार बार आने लगाज़ीस्त अफ़सुर्दा थी बेमानी न थी
अपने अरमानों पे प्यार आने लगाजानिब-ए-काबा है रुख़ 'आरिफ़' का आज
सू-ए-ज़मज़म बादाख़ार आने लगा