संसार की हर शय का इतना ही फसाना है - The Indic Lyrics Database

संसार की हर शय का इतना ही फसाना है

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - धुंद | वर्ष - 1973

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संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
एक धुँध से आना है एक धुँध में जाना हैये राह कहाँ से है ये राह कहाँ तक है
ये राज़ कोई राही समझा है न जाना हैएक पल की पलक पर है ठहरी हुई ये दुनिया
एक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना हैक्या जाने कोई किस पल किस मोड़ पर क्या बीते
इस राह में ऐ राही हर मोड़ बहाना है