दो दिल टूटे, दो दिल हारे - The Indic Lyrics Database

दो दिल टूटे, दो दिल हारे

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - हीर रांझा | वर्ष - 1970

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दो दिल टूटे, दो दिल हारें, दुनियावालों सदके तुम्हारे
देखेगी मुखड़ा अपना अबसे जवानी दिल के दाग में
बरसेगा कैसे सावन, कैसे पड़ेंगे झूले बाग में
बैन करेंगे ख्वाब कुंवारे, दो दिल टूटे ...
मैं ना रहूंगी लेकिन गूंजेंगी आहें मेरी गाँव में
अब ना खिलेगी सरसों, अब ना लगेगी मेहंदी पाँव में
अब ना उगेंगे चाँद सितारें, दो दिल टूटे ...
प्यार तुम्हारा देखा, देखा तुम्हारा आँखें मोड़ना
तोड़ तो डाला दिल को, खेल नहीं है दिल का तोड़ना
तड़पोंगे तुम भी साथ हमारे, दो दिल टूटे ...