जीने वालों ओ जिने वालों जीवन छुक छुक गाड़ी का खेल - The Indic Lyrics Database

जीने वालों ओ जिने वालों जीवन छुक छुक गाड़ी का खेल

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - अलका याज्ञनिक | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - अकेला | वर्ष - 1991

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जीने वालों ओ जीने वालों जीवन छुक छुक गाड़ी का खेल
कोई कहीं पे बिछड़ गया किसी से हो गया मेल
जीने वालों ओ जीने वालों ...आगे guard driverहै पीछे guardमुक़द्दर है
वो सीटी वो ही बजाता है झंडी हरी दिखाता है
कभी चले पटरी पे कभी पटरी से उतर जाए रेल
जीने वालों ओ जीने वालों ...सीटी बजी गाड़ी चल दी तुम बदलो काँटा जळी
बहते आँसुओं को रोको और हँसी का signalदो
paas failका ग़म न करो इस खेल को समझो खेल
जीने वालों ओ जीने वालों ...मेरा stationगुज़र गया है मैं रस्ते में उतर गया
मेरी मंज़िल बदल गई गाड़ी आगे निकल गई
बिना ticketमैं पकड़ा गया सीधा पहुंच गया जेल
जीने वालों ओ जीने वालों ...