दुनिया में हर किसी कि - The Indic Lyrics Database

दुनिया में हर किसी कि

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - सहगान | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - छोटा भाई | वर्ष - 1949

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दुनिया में हर किसी की क़िस्मत जुदा-जुदा है
एक मोतियों से खेले एक ख़ाक में मिला है
एक वो है जो मज़े से फूलों पे सो रहा है
और दूसरा बिचारा काटों पे रो रहा है
अजी तुम ही कहो ये कैसा इन्साफ़ हो रहा है
दुनिया में हर किसी की ...पैसा है पास जिस के दुनिया है उस के बस में
दुनिया उसी को माने जो खायें झूटी क़स्में
अजी तुम ही कहो समझ कर अच्छी हैं क्या ये रस्में
दुनिया में हर किसी की ...सब एक जगह पे बैठे हर कोई एक सारा
ऊँचा न कोई नीचा छोटा हो ना बड़ा हो
बन जाये सारी दुनिया एक घर तो क्या मज़ा है
दुनिया में हर किसी की ...