जुल्फें उलाझी हैं मेरे कंगना से - The Indic Lyrics Database

जुल्फें उलाझी हैं मेरे कंगना से

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - बर्मा रोड | वर्ष - 1962

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ज़ुल्फ़ें उलझी हैं मेरे कंगना से
आके छुड़ा दे सनम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें ...(हाथ मेरा ज़ालिम चूमे चली जाए
बिखरी हुई नागन से झूमी चली जाए) -२
तू इसे प्यार से सँवार दे सनम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें ...(प्रीत बनी जाए लम्बी कहानी
सुलझे नहीं उलझी चली जाए दीवानी) -२
मैं गई हार तेरे प्यार की क़सम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें ...दुख में मोरी सैयाँ कब से पड़ी हूँ
तुम हो खड़े पास तो फिर सुनते नहीं क्यों
के बड़ी देर से पुकारूँ मैं सनम
हाय रे मेरी ज़ुल्फ़ें ...