सोलह खतम सत्रह शूरु - The Indic Lyrics Database

सोलह खतम सत्रह शूरु

गीतकार - अंजान | गायक - अलीशा चिनॉय | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - आखिरी अदालत | वर्ष - 1988

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सोलह खतम सत्रह शुरू रात दिन लुटने का खतरा शुरू
अब क्या करूं मैं कैसे बचूं मैं तौबा हुआ कैसा लफ़ड़ा शुरू
सोलह खतम सत्रह शुरू ...घर से निकलना मुश्किल हुआ रस्ते पे चलना मुश्किल हुआ
यहां जाऊं Hi madamवहां जाऊं Hi madam
Hello madamचलो madam madam
अब क्या करूं मैं ...आगे खड़े कुछ पीछे खड़े दीवाने मेरे पीछे पड़े
किसी को लैला लगूं किसी को मैं शीरी लगूं
किसी को मैं हीर लगूं लैला लगूं शीरी लगूं
हीर लगूं लैला लगूं हाय
अब क्या करूं मैं ...