खानाके कंगना बिंदिया हंसे - The Indic Lyrics Database

खानाके कंगना बिंदिया हंसे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - डॉ विद्या | वर्ष - 1962

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खनके कँगना बिंदिया हँसे
आएँगे सजना हमरे अँगना
खनके कँगना ...आई मैं सज के उनके लिए
झूमे ये झुमका जिनके लिए
बाजे रे बिछुआ कहना माने ना
खनके कँगना ...सैंया ने उलटा घुँघटा मेरा
मैने भी हँस के मुखड़ा फेरा
जागती अँखियाँ देखें ये सपना
खनके कँगना ...थामेंगे जब वो बैंया मोरी
डारूँगी अँखियाँ कजरा भरी
कहूँगी बलमा हमको छुओ ना
खनके कँगना ...