वो अपनी याद दिलाने को - The Indic Lyrics Database

वो अपनी याद दिलाने को

गीतकार - अज़ीर सरहदी | गायक - रफ़ी, सहगान | संगीत - फ़िरोज़ निज़ामी | फ़िल्म - जुगनू | वर्ष - 1947

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वो पास रहें या दूर रहें

वो पास रहें या दूर रहें

नज़रों में समाये रहते हैं

इतना तो बता दे कोई हमें

क्या प्यार इसी को कहते हैं

छोटी सी बात मुहब्बत की

और वो भी कही नहीं जाती

कुछ वो शरमाये रहते हैं

कुछ हम शरमाये रहते हैं

मिलने की घड़ियाँ छोटी हैं

और रात जुदाई की लम्बी

जब सारी दुनिया सोती है

हम तारे गिनते रहते हैं

वो पास रहें या दूर रहें

नज़रों में समाये रहते हैं

इतना तो बता दे कोई हमें

क्या प्यार इसी को कहते हैं