अगर सुन ले तो एक नग़्मा - The Indic Lyrics Database

अगर सुन ले तो एक नग़्मा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - एक राज | वर्ष - 1963

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अगर सुन ले तो एक नग़्मा हुज़ूर-ए-यार लाया हूँ
वो कली चटकी कि दिल टूटा, पर एक झंकार लाया हूँ
मुझे मालूम है इतना कि मैं क्या, मेरी कीमत क्या
जो सबकुछ था जो कुछ भी नहीं एक ऐसा प्यार लाया हूँ
अचानक आ गिरी बिजली तो फिर सूरत यही निकली
उजड़ गया दिल तो अब ज़ख़्मों का एक गुलज़ार लाया हूँ
अजब हूँ मैं भी दीवाना अजब है मेरा नज़राना
कि उनके लिए मैं अपनी वफ़ा का टूटा हार लाया हूँ