चल री चली चल नैया - The Indic Lyrics Database

चल री चली चल नैया

गीतकार - व्रजेंद्र गौर | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - जगमोहन | फ़िल्म - सरदार | वर्ष - 1955

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चल री चली चल नैया
चल री जिधर तुझे लेके चली जाये
लहरों पे पुरवैया

जाने किस की राह निहारे
कौन सलोनी आँख पसारे
लायी सन्देसा किस नगरी से
लहरों पे पुरवैया ...

मन के पीछे डोल रहा है
बन के तन पर छाईं
याद की मारी बैरन अँखियाँ
काहे भर भर आयीं

चमके चम चम लाख सितारे
फिर भी अँधेरे दोनों किनारे
पिया की नगरी तट पहुचा दे
लहरों पे पुरवैया ...$