नवाजिश करम शुक्रिया मेहरबानी - The Indic Lyrics Database

नवाजिश करम शुक्रिया मेहरबानी

गीतकार - हिमायत अली शायरी | गायक - मेहदी हसन | संगीत - ए हमीद | फ़िल्म - मेहदी हसन की बेहतरीन ग़ज़लें (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1985

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नवाज़िश करम शुक्रिया मेहरबानी
मुझे बख़्श दी आपने ज़िंदगानीजवानी की जलती हुई दोपहर में
ये ज़ुल्फ़ों के साये घनेरे घनेरे
अजब धूप छाँव का आलम है तारी
महकता उजाला चमकते अंधेरे
ज़मीं की फ़ज़ा हो गई आसमानीलबों की ये कलियाँ खिली अध-खिली सी
ये मख़नूर आँखें गुलाबी गुलाबी
बदन का ये कुन्दन सुनहरा सुनहरा
ये कद है कि छूटी हुई माहताबी
हमेशा सलामत रहे ये जवानी