आ जा के इन्तज़ार में, जाने को है बहार भी - The Indic Lyrics Database

आ जा के इन्तज़ार में, जाने को है बहार भी

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - हलाकु | वर्ष - 1954

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आ जा के इन्तज़ार में, जाने को है बहार भी
तेरे बगैर ज़िन्दगी, दर्द बन के रह गई

अरमान लिये बैठे हैं हम
सीने में है तेरा ही ग़म
तेरे दिल से प्यार की वो तड़प किधर गई
आ जा के इन्तज़ार ...

दिल की सदा पे ऐ सनम
बढ़ते गए मेरे कदम
अब तो चाहे जो भी हो दिल तुझे मैं दे चुकी
आ जा के इन्तज़ार ...$