जाना है हमें तो जहाँ करार मिले - The Indic Lyrics Database

जाना है हमें तो जहाँ करार मिले

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता - किशोर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - दौलत के दुश्मन | वर्ष - 1981

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जाना है हमें तो जहाँ करार मिले
लूटेंगे राहों में जहाँ बहार मिले
जब तक चलूँ चलती रहूँ मैं बाहों के साये में तेरे
जाना हमें कहाँ ये भी नहीं सोचे, नींद सी आँखों में भरे
मंज़िल हमें मिले ना मिले, तेरा प्यार मिले
मुझे दुनिया में जीने का सहारा काफ़ी है दिल की लगी
कुछ भी ना चाहूँ रहे मेरे लिये, ये तेरे होठों की हसीं
सारी दुनिया से लेना हमें क्या, हम तो यार मिले
तेरे संग पिया पड़ते हैं मेरे नील गगन पे कदम
तुम हो मेरे तो धरती घटा पे राज हमारा है सनम
आज नज़ारे सर झुका के सौ सौ बार मिले