गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - मिस्टर एंड मिसेज 55 | वर्ष - 1955
View in Romanनीले आसमानी, नीले आसमानी
बूझो तो ये नैना बाबु
बूझो तो ये नैना बाबु किसके लिये हैं
नीले आसमानी, नीले आसमानीअपनी अदाओं की मस्ती में चूर हैं
सबसे ये मिलते हैं पर तुझसे दूर हैं
नीले नीले और नशीले -२
झूमें लहरायें रन्ग छलकायें
रस के दो पैमाने नीले
नीले आसमानी ...ज़िन्दादिलों की ये हैं ज़िन्दगानियाँ
कहते हैं ये धड़कनों की कहानियाँ
नीले नीले और नशीले -२
झूमें लहरायें रन्ग छलकायें
रस के दो पैमाने नीले
नीले आसमानी ...इनसे जो मिलना है दुनिया को भूल जा
धरती पे रह के भी तारों पे झूल जा
नीले नीले और नशीले -२
झूमें लहरायें रन्ग छलकायें
रस के दो पैमाने नीले
नीले आसमानी ...