चले चलते युंहि कोई मिल गया था - The Indic Lyrics Database

चले चलते युंहि कोई मिल गया था

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

View in Roman

चलते-चलते
चलते-चलते
यूँही कोई मिल गया था
यूँही कोई मिल गया था सर-ए-राह चलते-चलते
सर-ए-राह चलते-चलते
वहीं थम के रह गैइ है
वहीं थमके रह गैइ है मेरी रात ढलते-ढलते
मेरी रात ढलते-ढलतेजो कही गैइ न मुझसे
जो कही गैइ न मुझसे वो ज़माना कह रहा है
वो ज़माना कह रहा है
के फ़साना
के फ़साना बन गैइ है
के फ़साना बन गैइ है मेरी बात टलते-टलते
मेरी बात टलते-टलते
यूँही कोई मिल गया था
यूँही कोई मिल गया था सर-ए-राह चलते-चलते
सर-ए-राह चलते-चलतेयूँही कोई मिल गया था सर-ए-राह चलते-चलते
चलते-चलते
सर-ए-राह चलते-चलते
चलते-चलतेचलते-चलते
चलते-चलतेचलते-चलते
चलते-चलतेचलते-चलते
चलते-चलतेचलते-चलते
चलते-चलते
यूँही कोई मिल गया था
यूँही कोई मिल गया थाशब-ए-इंतज़ार आख़िर
शब-ए-इंतज़ार आख़िर कभी होगी मुख़्तसर भी
कभी होगी मुख़्तसर भी
ये चिराग़
ये चिराग़ बुझ रहे हैं
ये चिराग़ बुझ रहे हैं मेरे साथ जलते-जलते
मेरे साथ जलते-जलते
ये चिराग़ बुझ रहे हैंये चिराग़ बुझ रहे हैं -४
ये चिराग़ बुझ रहे हैं मेरे साथ जलते-जलते
मेरे साथ जलते-जलतेtrain whistle