दिल जो ना कह सका वाही राज ए दिलो - The Indic Lyrics Database

दिल जो ना कह सका वाही राज ए दिलो

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - भीगी रात | वर्ष - 1965

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दिल जो ना कह सका
वोही राज़-ए-दिल कहने की रात आई
दिल जो ना कह सकातौबा ये किस ने अंजुमन सजा के
टुकड़े किये हैं गुंच-ए-वफ़ा के-२
उछालो गुलों के टुकड़े
के रंगीं फ़िज़ाओं में रहने की रात आई
दिल जो ना कह सकाचलिये मुबारक ये जश्न दोस्ती का
दामन तो थामा आप ने किसी का-२
हमें तो खुशी यही है
तुम्हें भी किसी को अपना कहने की रात आई
दिल जो ना कह सकासागर उठाओ दिल का किस को ग़म है
आज दिल की क़ीमत जाम से भी कम है-२
पियो चाहे खून-ए-दिल हो
के पीते पिलाते ही रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका