उने सदाके दिल ओ जान कर बैठे हैं - The Indic Lyrics Database

उने सदाके दिल ओ जान कर बैठे हैं

गीतकार - अंजान | गायक - लता मंगेशकर, सुरेश वाडेकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - जान हथेली पे | वर्ष - 1987

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ल : उनपे सदके
सु : उनपे सदके दिल-ओ-जाँ कर बैठे हैं
इस शौक़-ए-जुनूँ में जीते-जी मर बैठे हैं
ल : देखा-देखा है जब से तब से
उनको हम सजदा कर बैठे हैं
उनपे सदके दिल ...
सु : देखा-देखा है ...ल : महबूबा मेरा साया है ऐसे बेताब दिल में मेहमान बनके
उतरा फ़लक़ से कोई फ़रिश्ता ज़मीं पे इन्सान बन के
ख़्वाबों से हम दामन भर बैठे हैं
सु : देखा-देखा है ...
ल : देखा-देखा है ...सु : जाएन कहाँ की एक अदा पे दोनो जहाँ को वार दिया है
मौत उसे क्या मारेगी जिसको नज़र ने मार दिया है
मरने का क्या समाँ धर बैठे हैं
ल : देखा-देखा है ...उनके सितम को गँवारा करेंगे
उनके करम को सहारा करेंगे
सु : जान रहे या जान से जाएँ
मर के भी वादा निभाया करेंगे
दो : उनसे ऐसा वादा कर बैठे हैं
देखा-देखा है ...
ल : देखा-देखा है ...