क्यूं मन धुंधे प्रेम नदी का किनारा: - The Indic Lyrics Database

क्यूं मन धुंधे प्रेम नदी का किनारा:

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - सुरेंद्र | संगीत - मीर साहब | फ़िल्म - लाल हवेली | वर्ष - 1944

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क्यूं मन ढूँढे प्रेम नदी का किनारा
अब क्यूं मन ढूँढे ...डूबने वाला डूब चुका जब क्या तिनके का सहारा
क्यूं मन ढूँढे ...अपनों से भी धोखा खाया सबको दुश्मन पाया
हम हुए सबके दुनिया में कोई हुआ न हमारा
क्यूं मन ढूँढे ...