झूम रहीं बागों में भीगी हुई दलियां - The Indic Lyrics Database

झूम रहीं बागों में भीगी हुई दलियां

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - राजकुमारी, जी.एम. दुर्रानी | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - यतीम | वर्ष - 1945

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रा : झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहींझूम रहीं
आ हा हा -३
झूम रहीं बाग़ों में
आ हा हा
भीगी हुई डालियाँ -२
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों मेंजी : जैसे तेरे
रा : आ हा हा
जैसे मेरे
जी : जैसे तेरे कानों में
रा : कानों में
जी : चन्दन की बालियाँ -२
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों में
रा : आ हा हा
दो :भीगी हुई डालियाँ -२
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों मेंजी : कैसा सुहाना है बरखा का मौसम
रा : आ हा हा -३
जी : कैसा सुहाना है बरखा का मौसम
रा : नाच रहीं
आ हा हा
नाच रहीं दिल में
उमंगें छमाछम -२
जी : बच्चे ख़ुशी में बजाते हैं तालियाँ
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों में
रा : आ हा हा
दो :भीगी हुई डालियाँ -२
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों मेंरा : दुल्हा मैं बागों का
सूरत हैं मेरी मधुर -२
फूल है मेरा ससुर -२
हाँ फूल है मेरा ससुर
और ये कलियाँ जो हैं
जी : और ये कलियाँ जो हैं
रा : और ये कलियाँ जो हैं
सब हैं मेरी सालियाँ -२झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों में
आ हा हा
दो : भीगी हुई डालियाँ -२
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों में
भीगी हुई डालियाँ -२
झूम रहीं
आ हा हा
झूम रहीं बाग़ों में