एक सुबह एक मोड़ पर - The Indic Lyrics Database

एक सुबह एक मोड़ पर

गीतकार - गुलजार | गायक - Nil | संगीत - वनराज भाटिया | फ़िल्म - हिप हिप हुर्रे | वर्ष - 1984

View in Roman

एक सुबह एक मोड़ पर
मैंने कहा उसे रोक कर
हाथ बढ़ा ऐ ज़िन्दगी
आँख मिला के बात कर
रोज़ तेरे जीने के लिए
एक सुबह मुझे मिल जाती है
मुरझती है कोई शाम अगर
तो रात कोई खिल जाती है
मैं रोज़ सुबह तक आता हूँ
और रोज़ शुरू करता हूँ सफर
तेरे हज़ारों चेहरों में
एक चहेरा है मुझ से मिलता है
आँखों का रंग भी एक सा है
आवाज़ का अंग भी मिलता है
सच पूछो तो हम दो जुड़वाँ हैं
तू शाम मेरी मैं तेरी सहर