जलता है जिया मेरा भीगी भीगी रातों में - The Indic Lyrics Database

जलता है जिया मेरा भीगी भीगी रातों में

गीतकार - गौहर कानपुरी | गायक - आशा - किशोर | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - ज़ख्मी | वर्ष - 1975

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जलता है जिया मेरा भीगी भीगी रातों में
आजा गोरी, चोरी चोरी, अब तो रहा नहीं जाए रे
गुलाबी ये प्याले है तेरे हवाले
तू भी दिलकी लगी को बुझा ले
फिर न आये कभी ऐसी रात
पिलाई है तुमने जो प्यासे को शबनम
दिल के शोले भला कैसे हो कम
बनके बादल करो बरसात
अभी ये फ़साना हमे ना सुनाना
देखो राजा, कदम ना बढ़ाना
नहीं छेड़ो ऐसी वैसी बात