एक ढूँढ़ो मिलते हैं हज़ारों - The Indic Lyrics Database

एक ढूँढ़ो मिलते हैं हज़ारों

गीतकार - इन्दीवर | गायक - आशा भोसले - किशोर कुमार | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - प्यार दुश्मन | वर्ष - 1980

View in Roman

एक ढूँढ़ो मिलते हैं हज़ारों
हुस्न वाले कम नहीं
लाखों हैं गुलाब गुलसिता मैं
तू ना हो तो ग़म नहीं
जवां है तो क्या, हसीं है तो क्या है
तू समझी तू ख़ुदा है
हाथ का जवाब हाथ से
बात का जवाब बात से
प्रीत का जवाब प्रीत से
गीत का जवाब गीत से
दौलत के नज़ारे हमको न दिखा
डूबेगा, कागज़ की कश्ती न चला
मात होगी तेरी बात हमसे ना बढ़ा
शान अपनी कितनी ही दिखा ले
झुकने वाले हम नहीं
बाहर बाहर के हैं सारे दावे
तेरे अंदर दम नहीं
जवां है तो क्या हसीं है तो क्या है
तू समझा तू ख़ुदा है
खतरों से डर जाएं ऐसे नहीं हम
सूरत पर मर जाएं ऐसे नहीं हम
तुझे महँगा पडेगा न हमको मुँह लगा
क्या तेरी मजाल ओ हसीना
तू जो हमसे बात करे
कोई नौजवान नहीं है ऐसा कि जो हमको मात करे
जवां है तो क्या हसीं है तो क्या है
तू समझी तू ख़ुदा है
तू समझा तू ख़ुदा है