ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली - The Indic Lyrics Database

ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - जल बिन मछली, नृत्य बिन बिजली | वर्ष - 1971

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मन की प्यास मेरे मन से ना निकली
ऐसे तड़पूँ के जैसे जल बिन मछली
पायल आहें भरे घुँघरू रोए संग-संग मेरे
थिरके पग बेक़रार बेबस देखो कजरा भरे
खाली गागर सिर पे साधे
प्यासी जाऊँ किसके आगे
सबके नयन बिन बिरखा की बदली
हूँ मैं ऐसी पवन बांधा जिसको संसार ने
ऐसी झनकार हूँ घेरा जिसको दीवार ने
सोचा था झूलूँगी गगन में
पड़ गए बंधन सारे तन में
भई बेजान मैं निरत बिन बिजली