गुप चुप बातें करने लगा तेरे बदन से मेरा बदन - The Indic Lyrics Database

गुप चुप बातें करने लगा तेरे बदन से मेरा बदन

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - साधना सरगम, हरिहरन | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लव यू हमशा | वर्ष - 2001

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गुप-चुप बातें करने लगा तेरे बदन से मेरा बदनजीने लगा मैं मरने लगा छू लिया मैंने तेरा बदनप्यार की आग में जलने लगा क्या तेरा क्या मेरा बदनचाँद भी छुप गया बादल में हो गया और अंधेरा बदनआ मैं छोड़ के ये दुनिया तेरे दिल में समा जाऊँदूर चला जाऊँ सबसे तेरे पास मैं आ जाऊँटुकर-टुकर यूँ मत देखो मैं तुमसे शर्मा जाऊँअपने दिल कि धड़कन से तेरा दिल धड़का जाऊँख़ुद को रोका बहुत मगर काम ना आया कोई जतनआज हमें कुछ कहना नहीं हाँ आज हमें कुछ करना हैचुटकी भर सिंदूर तेरी माँग में आज ही भरना हैमाँगे से हमें जो नहीं मिली बस वही चीज़ चुरानी हैप्यासे मौसम से कह दो हमने प्यास बुझानी हैरात मिलन की आई तो बन गया शाम-सवेरा बदनडर कर अपनी बाँहों में भर लिया मैंने तेरा बदनआज हमारे होंठों पर दिल कि कहानी आई हैहमको कोई होश नहीं रुत मस्तानी आई हैसेज सजी है सपनों की रात सुहानी आई हैअब छाये न छाये घटा बरसे न बरसे सावनदिल में बहुत अंधेरा था हमने बस आग लगा दी हैएक दूजे की बाँहों में छोड़ चला हमको बचपनगुप-चुप बातें करने लगा तेरे बदन से मेरा बदन
जीने लगा मैं मरने लगा छू लिया मैंने तेरा बदनरात मिलन की आई तो बन गया शाम-सवेरा बदन
डर कर अपनी बाँहों में भर लिया मैंने तेरा बदनआज अगर हम दूर रहे फिर नहीं होगा अपना मिलनगुप-चुप बातें करने लगा तेरे बदन से मेरा बदन
जीने लगा मैं मरने लगा छू लिया मैंने तेरा बदन