चुप है धरती चुप हैं चांद सितारे - The Indic Lyrics Database

चुप है धरती चुप हैं चांद सितारे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - मकान नं. 44/ मकान नं. 44/घर नं. 44 | वर्ष - 1955

View in Roman

हेय म्म म्म म्म
हेय म्म म्म म्मचुप है धरती, चुप हैं चाँद सितारे
मेरे दिल की धड़कन तुझको पुकारेखोये खोये से ये मस्त नज़ारे
ठहरे ठहरे से यह रंग के धारे
ढोओँढ रहे हैं तुझको साथ हमारे
चुप है धरती ...आअ~ हा~
कोने कोने मस्ती फैल रही है
बाहें बनकर हस्ती फैल रही है
तुझ बिन दूबे दिल को कौन उभारे
चुप है धरती ...निखरा निखरा स है चाँद का जौवन
बिखरा बिखरा स है नूर क दामन
आजा मेरी तन्हायी के सहारे
चुप है धर्ति ...