जब से मिली है नज़र दिल है मेरा डगर मगर - The Indic Lyrics Database

जब से मिली है नज़र दिल है मेरा डगर मगर

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - संगीता | वर्ष - 1950

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जब से मिली है नज़र
दिल है मेरा डगर मगर
डगर मगर
जब से मिली है नज़रपहले तो देखते थे हमको वो दूर से
शर्म से मजबूर से
अब तो हैं पूछते वो
ऐ घर तेरा है किधर
घर है किधर
जब से मिली है नज़र ...पहले वो बोलते थे धीमी आवाज़ मे
फिर रहें हैं तार नए उल्फ़त के साज़ मे
उल्फ़त के साज़ मे
उठती है एक नई लहर
दिल है मेरा डगर मगर ..कहने कम को दीजिये वो हमारे साथ हो
हाथों मे हाथ हो तारों भरी रात हो
कहने वाले कुछ कहें
हमको क्या है किसका डर
है किसका डर
जब से मिली है नज़र