जाम थाम ले सोचते ही सोचते ना बीते सारी रात - The Indic Lyrics Database

जाम थाम ले सोचते ही सोचते ना बीते सारी रात

गीतकार - साहिर | गायक - शमशाद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - शहंशाह | वर्ष - 1953

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जाम थाम ले
सोचते ही सोचते ना बीते सारी रात
जाम थाम ले
सज के आई है शीशे की परी
ढूंढ के लाई है दिलों की खुशी
जन्नत से कुदरत ने भेजा तेरे लिये ईनाम
दुनिया के हर दुख का दारु एक सुनहरी जाम
जाम थाम लेथ्रीदोत्स
सुबेह दूर है रात की कसम
दिल की मान ले मेरे सनम
मस्ती की इन घडियों में क्या सोच समझ का काम
ज़ुल्फ़ों के साये में नादां कर भी ले आराम
जाम थाम लेथ्रीदोत्स