हर दिल में है रब बसता सबसे बड़ा खिलाड़ी है वो - The Indic Lyrics Database

हर दिल में है रब बसता सबसे बड़ा खिलाड़ी है वो

गीतकार - देव कोहली | गायक - कुमार सानू | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - सबसे बड़ा खिलाड़ी | वर्ष - 1995

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( हर दिल में है रब बसता -२
सबसे बड़ा खिलाड़ी है वो तरह तरह के खेल है रचता ) -२
हर दिल में है रब बसता ...खोल के आँखें देख लो भैया ये दुनिया है गोरखधंधा
जैसा करेगा भरेगा वैसा सर पे लटक रहा है फंदा
बे-आवाज़ है लाठी उसकी हो -२ जिसकी मार से कोई न बचता
हर दिल में है रब बसता ...कहीं पे रगड़े कहीं पे झगड़े एक जान के सौ हैं लफ़ड़े
मन का मैल कहीं नहीं धुलता सिर्फ़ यहाँ धुलते हैं कपड़े
चेहरों पर मुस्कान सजी है हो -२ सच्ची हँसी कोई नहीं हँसता
हर दिल में है रब बसता ...दोनों हाथ थे खाली तेरे दुनिया में जब तू आया था
जो पाया सब यहीं पे पाया बोल अपने संग क्या लाया था
मोह माया के जाल में फंसकर हो -२ कभी तू रोता कभी तू हँसता
हर दिल में है रब बसता ...