गीतकार - मजरूह | गायक - लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अंदाज़ | वर्ष - 1949
View in Romanउठोउठो हे भरत तुम्हारे
उठोउठो हे भरत तुम्हारे
राम अभी हैं आते
दरशन कर के प्रभु के क्यों नहीं
मन की पीर मिटाते
आये आये राम हमारे
आये श्री रघुनाथ
पाकर भरत प्रभू चरनन को
हो गये आज प्रनाथ
दो शरीर एक प्राण हुये हैं
खींचा ह्रिदय संताप
हुआ आज श्री राम चन्द्र से
सच्चा भरत मिलाप
धनधन आज अयोध्या नगरी
धनधन नन्दी ग्राम
अमर कहानी बन्धु प्रेम की
अमर भरत का नाम
सब जन मंगल सुखद मनावत
पावन राजा राम
एक बार सब भक्ति भाव से
कहो सियावर राम
राम राम राजा राम पतीतपावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम पतीतपावन सीता राम
राम राम राजा राम पतीतपावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम पतीतपावन सीता राम