करि बदरिया मारे लहरिया मोरा जियारा उड़ा जाए रे - The Indic Lyrics Database

करि बदरिया मारे लहरिया मोरा जियारा उड़ा जाए रे

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - आदमी | वर्ष - 1968

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कारी बदरिया मारे लहरिया मोरा जियरा उड़ा जाए रे -२
ए, धीरे से चल अरी बैरी पवन मोरा गोरा बदन खुला जाए रे
हाय रामा मोरा जियरा उड़ा जाएभीगा-भीगा मौसम यह भीगा-भीगा मौसम
ये दिन अलबेले ये दिन अलबेले
जिया नहीं लागे सावन में अकेले -२
पी कि पुकार करे पापी पपीहा
मेरे दिल को बेदर्दी जलाए रे
कारी बदरिया ...कली-कली भँवरा जो डोलन लागे -२
मीटःइ-मीठी पीड़ा करेजवा में जागे -२
ए, मनवा को थाम यहीं सोचूँ मैं राम
कोई मोरी नगरिया बताए रे
हो, कारी बदरिया ...पिय बिन फीकी रे पिया बिन फीकी
यह सज-धज मोरी, यह सज-धज मोरी
इत-उत भटके जवानी निगोड़ी -२
ए, चढ़ती उमर लिये जाए उधर जहाँ
रातों को निंदिया न आए रे
हाय, हाय, कारी बदरिया ...