किसी मेहराबाण की नज़र धुंधते हैं - The Indic Lyrics Database

किसी मेहराबाण की नज़र धुंधते हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, मनहर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - राजा साब | वर्ष - 1969

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किसी मेहरबाँ की नज़र ढूँढते हैं
जो दे-दे सहारा वो दर ढूँढते हैं
किसी मेहरबाँ की ...तुम्हारी गली में सदा हमने दी है
तुम्हें ज़िन्दगी की दुआ हमने दी है
दुआओं का अपनी असर ढूँढते हैं
किसी मेहरबाँ की ...नसीबों के गुलशन में खिलती हैं ख़ुशियाँ
कहीं ढूँढने से भी मिलती हैं ख़ुशियाँ
मगर हम तो हैं बेख़बर ढूँढते हैं
किसी मेहरबाँ की ...