लुकाछुपी बहोत हुई - The Indic Lyrics Database

लुकाछुपी बहोत हुई

गीतकार - प्रसून जोशी | गायक - ए आर रेहमान - लता मंगेशकर | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - रंग दे बसंती | वर्ष - 2006

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लुका-छुपी बहुत हुई
सामने आ जा ना
कहाँ कहाँ ढूँढ़ा तुझे
थक गई है अब तेरी माँ
आ जा साँझ हुई, मुझे तेरी फ़िकर
धुंधला गई देख मेरी नज़र ... आ जा ना
क्या बताऊँ माँ कहाँ हूँ मैं
यहाँ उडने को मेरे खुला आसमाँ है
तेरे किस्सों जैसा भोला
सलोना जहां है यहाँ सपनों वाला
मेरी पतंग हो बेफ़िक़र उड रही है माँ
डोर कोई लूटे नहीं बीच से काटे ना
आ जा साँझ हुई, मुझे तेरी फ़िकर
धुंधला गई देख मेरी नज़र ... आ जा ना
तेरी राह तके अँखियाँ
जाने कैसा कैसा होये जिया
धीरे धीरे आंगन उतरे अंधेरा
मेरा दीप कहाँ
ढलके सूरज करे इशारा
चँदा तू है कहाँ
मेरे चँदा तू है कहाँ ...
लुका-छुपी बहुत हुई
सामने आ जा ना
कहाँ कहाँ ढूँढ़ा तुझे
थक गई है अब तेरी माँ
आ जा साँझ हुई, मुझे तेरी फ़िकर
धुंधला गई देख मेरी नज़र ... आ जा ना

कैसे तुझको दिखाऊँ ... यहाँ है क्या
मैने झरने से पानी माँ ... तोड़ के पिया है
गुच्छा गुच्छा कई ख्वाबों का ... उछल के छुआ है
छाया लिये भली धूप यहाँ है
नया नया सा है रूप यहाँ
यहाँ सब कुछ है माँ फिर भी
लगे बिन तेरे मुझको अकेला
आ जा साँझ हुई, मुझे तेरी फ़िकर
धुंधला गई देख मेरी नज़र ... आ जा ना