तेरा हुस्न रहे मेरा इश्क रहे - The Indic Lyrics Database

तेरा हुस्न रहे मेरा इश्क रहे

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - दो दिलो | वर्ष - 1965

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तेरा हुस्न रहे मेरा इश्क़ रहे,
तो ये सुबह ये शाम रहे न रहे
चले प्यार का नाम ज़माने में,
किसी और का नाम रहे न रहे
तेरा हुस्न रहे ... ये शाम रहे न रहेमेरी प्यास का कोई हिसाब नहीं,
तेरी मस्त नज़र का जवाब नहीं-२
इसी मस्त नज़र से पिलाए जा-२
मेरे सामने जाम रहे न रहे
तेरा हुस्न रहे ... ये शाम रहे न रहेमैं बहकने लगा हूँ सम्हाल ज़रा,
मेरे पास ही रह, कहीं दूर न जा
कोई ठीक नहीं कि बहारों का
यहाँ और क़ियाम रहे न रहेजो निगाह उठी तो पयाम मिला, जो निगाह झुकी तो Sअलाम मिला
इसी वक़्त बुझा दे लगि दिल की, ये पयाम-सलाम रहे न रहे
तेरा हुस्न रहे ... ये शाम रहे न रहेतेरा हुस्न रहे मेरा इश्क़ रहे,
तो ये सुबह ये शाम रहे न रहे
चले प्यार का नाम ज़माने में, किसी और का नाम रहे न रहे
तेरा हुस्न ... ये शाम रहे न रहे