आंख में शोकी लब पे तबस्सुम - The Indic Lyrics Database

आंख में शोकी लब पे तबस्सुम

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - सुमन कल्याणपुर, मन्ना दे | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - रेशमी रूमाल | वर्ष - 1961

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मन्ना: आँख में शोख़ी, लब पे तबस्सुम,
दिल में शरारत, तौबा तौबा
गाल पे लाली, चाल मतवाली,
इस पे नज़ाक़त, तौबा तौबा
आँख में शोख़ी, आ, आ, ओ, ओ, म्म-म्म!सुमन: चाल में जादू हो या नज़ाक़त
आप से हम को प्यार नहीं
और किसी पर डालिये डोरे
कह तो दिया सौ बार नहीं
अजी कह तो दिया सौ बार नहीं
मन्ना: तेरी ना, ना, ना में हाँ, हाँ, हाँ का
रंग-ए-मुहब्बत, तौबा तौबा
आँख में शोख़ी ...सुमन: बन्दापरवर देखिये अब तो
हाथ भी हम ने जोड़ दिये
जिन राहों में लैला भटकी
हम ने वो रस्ते छोड़ दिये
अजी हम ने वो रस्ते छोड़ दिये
मन्न: अजी सुन, सुन, सुन, मुझे चुन, चुन, चुन
तेरी ज़िद है क़यामत तौबा तौबा
आँख में शोख़ी ...सुमन: प्यार करें या हम ना करें ये
सोच के हम बतलाएँगे
इतना हम ने जान लिया है
आप नहीं बाज़ आएँगे
अजी आप नहीं बाज़ आएँगे
मन्न: चली छम छम छम, अरी थम थम थम
हाय, कर ना बग़ावत, तौबा तौबा
आँख में शोख़ी ...