मुहब्बत में सारा जहाँ जल रहा है - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत में सारा जहाँ जल रहा है

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - खुर्शीद | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - शहंशाह बाबर | वर्ष - 1944

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मुश्किल है

मुश्किल है ऽ ऽ

मुश्किल है बहुत मुश्किल चाहत का भुला देना

आसान नहीं दिल की ये आग बुझा देना

ये खेल नहीं लेकिन ये खेल है उल्फ़त का

रोतों को हँसा देना हँसतों को रुला देना

मुश्किल है बहुत मुश्किल

दिलवालों की दुनिया में है रस्म के जब कोई

आए तो

आए तो क़दम लेना, जाए तो दुवा देना

मुश्किल है बहुत मुश्किल

उलझन है बहुत फिर भी हम तुम को ना भूलेंगे

तुम को ना भूलेंगे

मुमकिन तो नहीं लेकिन तुम हम को भुला देना

मुश्किल है बहुत मुश्किल