हुस्न भी है उदास उदास इश्क भी गम से चुर है - The Indic Lyrics Database

हुस्न भी है उदास उदास इश्क भी गम से चुर है

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - फरेब | वर्ष - 1953

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हुस्न भी है उदास-उदास
इश्क़ भी ग़म से चूर है
हुस्न भी हैमेरे नसीब देखिये -२
पास वो हो के दूर हैहुस्न भी है उदास-उदास
इश्क़ भी ग़म से चूर है
हुस्न भी हैहोंठों से छिन गई हँसी
खिल ना सकी कोई कली
होंठों से छिन गई हँसी
कहने को बाग़ में बहार -२
आई हुई ज़रूर हैहुस्न भी है उदास-उदास
इश्क़ भी ग़म से चूर है
हुस्न भी हैजब से ख़फ़ा है ज़िन्दगी
रूठ गई है हर ख़ुशी
जब से ख़फ़ा है ज़िन्दगी
दिल में किसी का ग़म लिया -२
बस ये मेरा क़ुसू हैहुस्न भी है उदास-उदास
इश्क़ भी ग़म से चूर है
हुस्न भी है