उलझ गए नैनवा - The Indic Lyrics Database

उलझ गए नैनवा

गीतकार - डाॅ सफदर"आह" | गायक - अख्तरी बाई फैजाबादी | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - रोटी | वर्ष - 1942

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उमंगों पर जवानी छा गई अब तो चले आवो चले आवो


उमंगों पर जवानी छा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो
तुम्हारी याद फिर तड़पा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो
उमंगों पर जवानी छा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो

कहीं डाली से डाली मुँह मिला कर गीत गाती है
बहार आई कली भी फूल बन कर मुस्कुराती है
बहार आ के मुझे तड़पा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो
उमंगों पर जवानी छा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो

हसीं हो जायें ये दिन और जवाँ हो जायें ये रातें
तुम आवो तो इशारों ही इशारों में करें बातें
लबों पर बात दिल की आ गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो
उमंगों पर जवानी छा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो
तुम्हारी याद फिर तड़पा गई अब तो चले आवो चले आवो
चले आवो चले आवो