एक समय पर दो बरसातें - The Indic Lyrics Database

एक समय पर दो बरसातें

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मन्ना दे | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - झूला | वर्ष - 1962

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एक समय पर दो बरसातें -२
बादल के संग आँख भी भरसे
चारों ओर है जल-थल जल-थल -२
फिर भी प्यासा मनवा तरसे
एक समय पर दो बरसातें( उमड-घुमड जब छायीं घटायें
नीर बरसेगा सबने जाना ) -२
कोई न जाने दिल में तूफ़ाँ
कब आ जाये और किधर से
एक समय पर दो बरसातें( आग लगी है दिल में लेकिन
देख रहा है आँख का पानी ) -२
शोलों के संग बहती नदिया
निकल रही है एक ही घर सेएक समय पर दो बरसातें
बादल के संग आँख भी भरसे
चारों ओर है जल-थल जल-थल
फिर भी प्यासा मनवा तरसे
एक समय पर दो बरसातें