फिर कोई मुस्कराया फिर एक फूल खिला - The Indic Lyrics Database

फिर कोई मुस्कराया फिर एक फूल खिला

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - अपने हुए परये | वर्ष - 1964

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फिर कोई मुस्कराया फिर एक फूल खिला
कोई बुलाए और कोई आए अब दिल चाहे क्या
फिर कोई मुस्कराया ...ज़िन्दगी फिर वही गीत गुनगुनाने लगी
इस गली झूमती बहार आने लगी
फिर कोई मुस्कराया ...दिल मेरे झूम ले याद कर के इस शाम को
बहके हम जिस घड़ी पी के प्यार के जाम को
फिर कोई मुस्कराया ...होना है आज फिर अपने सब्र का इम्तिहाँ
लूटना है तुमको फिर आज मेरा दिल मेरी जाँ
फिर कोई मुस्कराया ...फिर से वही हलचल हसरतें मचलने लगीं
फिर वो शोख़ियाँ नग़्मा बन के ढलने लगीं
फिर कोई मुस्कराया ...